Sant Nirankari Charitable Foundation का मानवता को संदेश
PATHANKOT : हर साल भारत के कई राज्यों में बाढ़ एक बड़ी समस्या बनकर सामने आती है। इस बार भी उत्तर प्रदेश के कई गांव बाढ़ की चपेट में आए, जहां लोगों को अपने घर, खेत और ज़रूरी सामान तक खोना पड़ा। सबसे बड़ी परेशानी तब सामने आई जब स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी ने पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ा दीं।

ऐसे समय में Sant Nirankari Mission और Sant Nirankari Charitable Foundation (SNCF) ने एक बार फिर यह साबित किया कि उनका मकसद सिर्फ आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं है, बल्कि इंसानियत की सेवा करना भी है।
बाढ़ के बाद की स्थिति: जब गांवों में छा गई निराशा
उत्तर प्रदेश के तास और माखनपुर गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए। कई घरों में पानी भर गया, खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं और लोगों की रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया।

गांववालों का कहना था कि बाढ़ के बाद सबसे बड़ी चिंता थी –
- पीने के साफ पानी की कमी
- दवाइयों और डॉक्टर की उपलब्धता न होना
- बच्चों और बुजुर्गों का बीमार पड़ना
- त्वचा और पेट संबंधी बीमारियों का फैलना
इन्हीं समस्याओं के बीच जब Sant Nirankari Mission और Sant Nirankari Charitable Foundation की टीम गांव पहुंची, तो वहां के लोगों को लगा कि उनकी परेशानियों का हल मिल गया है।
स्वास्थ्य शिविर: उम्मीद और सहारा
16 सितंबर को Sant Nirankari Charitable Foundation और Sant Nirankari Mission की टीम ने तास और माखनपुर में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया।
इस शिविर की ख़ास बातें थीं:
- दिल्ली से आए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मौजूदगी
- मुफ्त दवाइयां और स्वास्थ्य जांच
- महिलाओं और बच्चों के लिए अलग सुविधा
- गंदे पानी से फैल रही बीमारियों के लिए उपचार और रोकथाम की सलाह
- ग्रामीणों को साफ पानी, स्वच्छता और पोषण के महत्व पर जागरूक करना
एक बुज़ुर्ग ग्रामीण ने कहा:
“बाढ़ ने हमारी ज़िंदगी थाम दी थी। अस्पताल तक जाना असंभव हो गया था। लेकिन जब निरंकारी मिशन की टीम आई, तो हमें लगा कि कोई हमारी तकलीफ समझ रहा है।”
संत निरंकारी मिशन का संदेश – मानवता ही सबसे बड़ी पूजा
Sant Nirankari Mission का हमेशा से यही संदेश रहा है – “मानव सेवा ही सच्ची पूजा है।”
बाबा हरदेव सिंह महाराज का मशहूर कथन “Blood should flow in veins, not in drains” इस मिशन की सोच को दर्शाता है। यानी इंसानियत तभी मायने रखती है जब उसका इस्तेमाल दूसरों की ज़िंदगी बचाने और मदद करने में हो।
इस बार भी जब तास और माखनपुर के लोग बाढ़ से जूझ रहे थे, तो मिशन के स्वयंसेवकों ने बिना समय गंवाए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया और पीड़ितों की मदद की।
Sant Nirankari Charitable Foundation की भूमिका
Sant Nirankari Charitable Foundation (SNCF), जो निरंकारी मिशन का सामाजिक और सेवा संबंधी हिस्सा है, पिछले कई सालों से अलग-अलग मौकों पर समाज की मदद करता रहा है।
- आपदा राहत कार्य: बाढ़, भूकंप और महामारी जैसी आपदाओं में राहत सामग्री और मेडिकल सहायता प्रदान करना।
- स्वास्थ्य सेवाएं: मुफ्त स्वास्थ्य शिविर, ब्लड डोनेशन कैम्प, आंखों की जांच और कैंसर जांच शिविर का आयोजन।
- शिक्षा और जागरूकता: बच्चों और युवाओं को शिक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना।
- मानवता का संदेश: बिना किसी जाति, धर्म या क्षेत्रीय भेदभाव के हर ज़रूरतमंद की मदद करना।
सोशल मीडिया और मीडिया कवरेज
इस आयोजन की खबर Sunset Times अखबार में प्रमुखता से छपी। खबर में साफ तौर पर लिखा गया कि संत निरंकारी मिशन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को पूरा किया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी यह खबर वायरल हुई। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर @santnirankariofficial और @nirankaricharitablefoundation जैसे अकाउंट्स पर इस आयोजन की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए। लोगों ने कमेंट कर मिशन की सराहना की और कहा कि ऐसे संगठन ही इंसानियत को जिंदा रखते हैं।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया: “निरंकारी मिशन ने दिया नया भरोसा”
गांव के लोगों का कहना था कि जब सरकारी मशीनरी तक उन तक समय पर नहीं पहुंच पाई, तब Sant Nirankari Mission ने उन्हें नया भरोसा दिया।
एक स्थानीय किसान ने कहा:
“हमारे खेत बर्बाद हो गए, घरों में पानी भर गया। हमें लगा कि अब कोई सहारा नहीं है। लेकिन निरंकारी मिशन ने हमें यह महसूस कराया कि हम अकेले नहीं हैं।”
क्यों खास है संत निरंकारी मिशन की सेवा?
- यह सेवा बिना किसी भेदभाव के दी जाती है।
- हर आपदा में सबसे पहले पहुंचने वाले संगठनों में नाम आता है।
- यह सिर्फ अस्थायी मदद नहीं करता, बल्कि लंबे समय तक राहत और जागरूकता अभियान भी चलाता है।
- इसका मकसद लोगों को सिर्फ स्वास्थ्य या भोजन देना नहीं, बल्कि मानवता और भाईचारे का संदेश फैलाना है।
भविष्य की योजनाएं
Sant Nirankari Charitable Foundation ने घोषणा की है कि आने वाले दिनों में और भी स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। लक्ष्य यह है कि कोई भी व्यक्ति बाढ़ से प्रभावित इलाके में इलाज और दवाइयों से वंचित न रहे।
बड़ा सबक – खर्च नहीं, निवेश है सेवा
आज के समय में जब लोग खुद के लिए खर्च करने से पीछे नहीं हटते, वहीं Sant Nirankari Mission यह दिखाता है कि असली निवेश दूसरों की भलाई में है। यह निवेश न केवल दूसरों को जीवन देता है, बल्कि समाज को जोड़ता भी है।
अंतिम संदेश
तास और माखनपुर जैसे बाढ़ प्रभावित गांवों में Sant Nirankari Mission और Sant Nirankari Charitable Foundation की यह सेवा किसी वरदान से कम नहीं रही।
आज जब समाज अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है, ऐसे में निरंकारी मिशन यह साबित करता है कि “मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।”
चाहे बाढ़ हो, महामारी हो या कोई अन्य आपदा—निरंकारी मिशन हमेशा वहां मौजूद रहता है जहां सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है।









