हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम में आखिरी सांस ली।

चौटाला पिछले एक सप्ताह से बीमार थे और दो दिन पहले मेदांता अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे। वे गुरुग्राम के एंबिएंस मॉल के पीछे स्थित एंबिएंस केट्रोनिया सोसाइटी के फ्लैट में रह रहे थे। आज सुबह उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार डबवाली के पैतृक गांव तेजाखेड़ा में किया जाएगा।
राजनीतिक नेताओं ने जताया शोक
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा,
“इनेलो सुप्रीमो एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी का निधन अत्यंत दुःखद है। मेरी ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने प्रदेश और समाज की जीवनपर्यंत सेवा की। देश व हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए यह अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें। ॐ शांति।”
ओम प्रकाश चौटाला का जीवन और विरासत
ओम प्रकाश चौटाला भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल के बेटे थे और हरियाणा की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा थे। उनके दो बेटे और तीन बेटियां हैं। उनके बेटे अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला राजनीति में सक्रिय हैं, जबकि उनके पोते दुष्यंत चौटाला हरियाणा की पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।
राजनीतिक करियर
ओम प्रकाश चौटाला ने कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली:
2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990 तक
12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990 तक
22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 तक
24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक
घोटाले और जेल की सजा
जून 2008 में ओम प्रकाश चौटाला पर 1999-2000 के दौरान हरियाणा में 3,206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की अवैध भर्ती का आरोप लगा। जनवरी 2013 में दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को 10 साल की सजा सुनाई। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी, और दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा।
ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी 10 साल की सजा में से करीब साढ़े 9 साल की सजा काटने के बाद 2 जुलाई 2021 को तिहाड़ जेल से रिहाई पाई। कोविड-19 महामारी के दौरान जेलों की भीड़ कम करने के प्रयासों के चलते उन्हें रिहा किया गया।
ओम प्रकाश चौटाला का निधन हरियाणा की राजनीति के एक युग का अंत है। उनकी कमी को पूरा करना बेहद कठिन होगा।