Air India फ्लाइट 171 क्रैश रिपोर्ट: टेकऑफ़ के बाद आखिर ईंधन क्यों हुआ बंद?

12 जून की सुबह एक आम सी फ्लाइट थी — Air India फ्लाइट 171। किसी को नहीं पता था कि कुछ ही मिनटों में सब कुछ बदलने वाला है। फ्लाइट टेकऑफ करती है और कुछ ही देर में खबर आती है — प्लेन क्रैश हो गया है। 260 लोगों की जान चली गई।
अब इस हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई है। और इसमें जो बातें सामने आई हैं, वो हैरान कर देने वाली हैं।
Air India टेकऑफ के चंद सेकंड में ही मुसीबत शुरू
रिपोर्ट कहती है कि जैसे ही प्लेन ने उड़ान भरी, दोनों इंजनों को कंट्रोल करने वाले फ्यूल स्विच अचानक “कट-ऑफ” मोड में चले गए। मतलब, इंजन तक ईंधन पहुंचना बंद हो गया।
अब सोचिए — प्लेन उठ रहा है और इसी बीच उसके दोनों इंजन फ्यूल के बिना रह जाएं। पायलट्स भी चौंक गए। कॉकपिट की रिकॉर्डिंग में एक पायलट पूछता है – “उसने काट क्यों दिया?” और दूसरा जवाब देता है – “मैंने नहीं किया।”
ये बात बताती है कि ये किसी एक इंसान की जानबूझकर की गई हरकत नहीं थी। लेकिन सवाल तो यही उठता है — तो फिर हुआ कैसे?
Air India: स्विच खुद कैसे ऑफ हो सकते हैं?
ये कोई हल्का-फुल्का बटन नहीं था जो गलती से दब जाए। इसे बदलने के लिए थोड़ा ज़ोर लगता है। फिर भी टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दोनों स्विच बंद हो गए और इंजन बंद होने लगे।
कुछ सेकंड बाद ही वो दोनों स्विच वापस “रन” पोजिशन में आ भी गए — यानी फिर से ऑन। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
एक इंजन चालू होने की कोशिश में था, दूसरा अभी ताकत पकड़ ही नहीं पाया था। इसी दौरान फ्लाइट क्रैश हो गई।
Ram Air Turbine – इमरजेंसी सिस्टम एक्टिव
एक चीज़ और सामने आई — टेकऑफ के दौरान फ्लाइट में लगा एक छोटा टरबाइन एक्टिव हो गया जिसे (RAT) कहते हैं।
ये एक इमरजेंसी बैकअप सिस्टम है जो तब चालू होता है जब प्लेन की मेन पावर फेल हो जाती है। इसका एक्टिव होना इस बात का संकेत है कि फ्लाइट में उस वक्त हालात बेहद गंभीर हो चुके थे।
“Mayday” कॉल – लेकिन जवाब नहीं आया
रिपोर्ट बताती है कि टेकऑफ के करीब दो मिनट बाद एक पायलट ने “Mayday” कॉल दी। यानी इमरजेंसी सिग्नल।
लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं आया।
इसका मतलब है कि पायलट्स ने आखिरी कोशिश की, मगर हालात इतने तेज़ी से बिगड़े कि उनके पास जवाब देने का भी मौका नहीं रहा।
Air India फ्लाइट के कंट्रोल्स क्या कह रहे हैं?
जब क्रैश हुआ, तो दोनों थ्रस्ट लीवर यानी एक्सीलरेटर जैसी चीजें पीछे की तरफ थीं — यानी बिना ताकत के।
लेकिन रिकॉर्डर के डेटा से पता चला कि पायलट्स टेकऑफ से क्रैश तक पूरी ताकत से कोशिश कर रहे थे।
शायद इंजन रिस्पॉन्ड नहीं कर पा रहे थे।
टेकऑफ से पहले सब कुछ नार्मल था
रिपोर्ट में बताया गया कि:
- पायलट्स ने पर्याप्त आराम लिया था
- अल्कोहल टेस्ट भी क्लियर था
- मौसम साफ था
- विमान का वजन लिमिट के अंदर था
- कोई खतरनाक सामान नहीं था
- फ्यूल भी जांच में सही निकला
यानी टेकऑफ से पहले सब कुछ सही लग रहा था।
तकनीकी जांच में क्या सामने आया?
अब एक पुरानी बात सामने आई — 2018 में अमेरिका के FAA ने एक चेतावनी जारी की थी कि कुछ Boeing विमानों में फ्यूल स्विच ठीक से लॉक नहीं हो रहे हैं।
लेकिन यह एक सलाह थी, कोई ज़रूरी नियम नहीं। इसलिए एयर इंडिया ने शायद इसे गंभीरता से नहीं लिया।
अब यही बात शक के घेरे में है।
आखिर ये कैसे हो सकता है?
सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या यह मानवीय गलती थी या तकनीकी खराबी?
अब तक रिपोर्ट में Boeing 787 या उसके इंजनों को दोष नहीं दिया गया है, लेकिन एक्सपर्ट्स इस बात से हैरान हैं कि दोनों इंजन एक साथ कैसे फेल हो सकते हैं।
और यही वजह है कि Boeing की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं। खासकर जब पहले से ही 737 MAX के हादसों की वजह से कंपनी सवालों में रही है।
अब आगे क्या होगा?
- विमान का मलबा एक सुरक्षित जगह पर रखा गया है
- दोनों इंजन क्वारंटीन किए गए हैं
- फ्यूल के बचे हुए सैंपल की जांच चल रही है
- फ्लाइट रिकॉर्डर का डेटा डीटेल में देखा जा रहा है
इन सबकी जांच इसलिए हो रही है ताकि यह साफ हो सके कि असल में गलती कहां हुई थी।
क्या हम कुछ सीख पा रहे हैं?
देखिए, हर हादसा सिर्फ आंकड़ा नहीं होता — हर संख्या के पीछे एक परिवार, एक ज़िंदगी होती है।
इस हादसे में भी 260 लोग चले गए।
अब ज़िम्मेदारी सिर्फ एयरलाइन की नहीं, हम सबकी है कि सवाल पूछें —
- क्या इन स्विच की नियमित जांच हो रही थी?
- सलाह को इग्नोर क्यों किया गया?
- क्या कोई तरीका था जिससे इसे रोका जा सकता?
इन सवालों का जवाब जरूरी है।
आखिरी बात
हम सबको उम्मीद है कि आने वाले समय में जांच पूरी होगी और सच सामने आएगा।
और सबसे जरूरी बात — आगे ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
क्योंकि जान सबसे कीमती होती है।
आपका क्या ख्याल है इस रिपोर्ट पर? नीचे कमेंट करके ज़रूर बताइए।
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